शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

वी द फेमिली वाट्सएप ग्रुप का गेट टूगेदर 29 अप्रैल को



लखनऊ/ बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, लखनऊ के एसईएस भवन में रविवार को विभिन्न प्रदेश एवं जिलों के अधिकारियों का गेट टूगेदर कार्यक्रम 29 अप्रैल को 10 बजे से आयोजित किया जा रहा है, इस तरह का यह छठवां आयोजन है।, इसके पहले दिल्ली में आयोजन होता रहा है, इस तरह के आयोजन का उददेष्य आपसी सम्बन्धों को मजबूत करते हुए एक दूसरे की हर स्तर पर मदद करना है
आपको बताते चले कि सोशल मीडिया सकारात्मक भूमिका अदा करता है जिससे किसी भी व्यक्ति, संस्था, समूह और देश आदि को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप से समृद्ध बनाया जा सकता है। सोशल मीडिया के जरिए ऐसे कई विकासात्मक कार्य हुए हैं जिनसे कि लोकतंत्र को समृद्ध बनाने का काम हुआ है जिससे किसी भी देश की एकता, अखंडता, पंथनिरपेक्षता, समाजवादी गुणों में अभिवृद्धि हुई है।  पिछले कुछ सालों से सोशल नेटवर्किंग सिर्फ किशोरों के बीच ही नहीं बल्कि पुरानी पीढ़ी सहित, सभी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है। व्यक्तिगत रूप से यह आपके मित्रों और परिवार के मध्य संपर्क स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है, जबकि व्यावसायिक रूप में सोशल नेटवर्किंग साइटें अपने पहचान के चित्र, प्रतिष्ठा, नेतृत्व पीढ़ी को स्थापित करके कारोबार को बनाए रखने और बढ़ाने में मदद करती हैं।
सूचना क्रान्ति और सोशल मीडिया के युग में विभिन्न माध्यमों का प्रयोग करते हुए सूचनाओं का आदान प्रदान करने और अपनी समस्याओं के समाधान के लिए एक साथ कई लोगों से राय मशविरा लेने के लिए वाटसएप बहुत ही शसक्त साधन बन चूका है।, इसी का प्रयोग करते हुए वी द फेमिली के सदस्यों ने एक वी द फेमिली नाम से वाटसएप ग्रुप बनाकर उसी के माध्यम से एक दूसरे से परिचित कराने और एक दूसरे के मदद के साथ साथ समाज के अन्य लोगों की भी मदद कर रहे है। इस ग्रुप की खास बात यह है कि इसमें ग्रुप के सदस्यों से संबंधित एवं समाज से संबंधित ही पोस्ट किये जाते है, और तत्काल प्रभाव से समस्या का निदान भी होता है, गुड मार्निंग, गुड नाईट और बर्थडे इत्यादि जैसी मैसेज या पोस्ट न किया जाय, ग्रुप एडमिन समय समय पर सभी को आगाह करते रहते है। 


गुरुवार, 4 मई 2017

गेट टुगेदर कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ ..........

गेट टुगेदर कार्यक्रम का आयोजन दिनांक- 5 फरवरी 2017 (रविवार) को किया गया था, जिसमे अपने समाज व परिवार के सदस्यों से मुलाकात व परिचय हुआ जो बहुत ही सकारात्मक और एक दुसरे को पारिवारिक रूप से जोड़ने में सहायक रहा | इस कार्यक्रम की कुछ झलकियाँ ..........


 


















गेट टुगेदर कार्यक्रम 7 मई 2017 (रविवार) को

गेट टुगेदर कार्यक्रम का आयोजन दिनांक- 7 मई 2017 (रविवार) को गोमती होटल, 6 सप्रू मार्ग, एसएसपी कार्यालय के सामने, लखनऊ में किया जा रहा है, जिसमे पुरे भारत से इस परिवार के सदस्य हिस्सा ले रहे है | इस तरह का मिलन और परिचय कार्यक्रम तिसरी बार आयोजित किया जा रहा है, जो अपने आप में ऐतिहासिक और यादगार होगा | यह कार्यक्रम स्वयं के सहयोग (सेल्फ कंट्रीब्युशन) से किया जा रहा है, जिसमे परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग अपेक्षित है |
इस बार खास बात यह है की अपने समाज के जनप्रतिनिधि (मंत्री और विधायक) भी इस मिलन कार्यक्रम में शिरकत कर रहे है, जिनसे मिलने व परिचय करने का अवसर मिलेगा |

इसके पहले दिनांक- 5 फरवरी 2017 (रविवार) को रसियन सेंटर ऑफ़ साइंस एंड कल्चर, 24, फ़िरोज़शाह रोड, मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के पास, नई दिल्ली में गेट टुगेदर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमे अपने समाज व परिवार के सदस्यों से मुलाकात व परिचय हुआ जो बहुत ही सकारात्मक और एक दुसरे को पारिवारिक रूप से जोड़ने में सहायक रहा |
अतः इस बार भी अधिक से अधिक संख्या में आकर एक दुसरे से मिलने-मिलाने व परिचय कर के समाज को मजबूती प्रदान करने में सहयोग दें | आप सभी से अनुरोध है की अपने आने की सूचना और कन्फेर्मेसन मोबाइल संख्या 9582286046 (डॉ० स्वंय प्रकाश वर्मा) व 9769000268 (प्रदीप चौधरी) को अतिशीघ्र देने का कष्ट करें जिससे की व्यवस्था करने में आसानी रहे

वी द फेमिली टीम 

शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

गेट टुगेदर कार्यक्रम 5 फरवरी 2017 (रविवार) को

गेट टुगेदर कार्यक्रम का आयोजन दिनांक- 5 फरवरी 2017 (रविवार) को रसियन सेंटर ऑफ़ साइंस एंड कल्चर, 24, फ़िरोज़शाह रोड, मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन के पास, नई दिल्ली में सुबह 10:00 बजे से 16:00 तक  किया जा रहा है, जिसमे पुरे भारत से इस परिवार के सदस्य हिस्सा ले रहे है | इस तरह का मिलन और परिचय कार्यक्रम दूसरी बार आयोजित किया जा रहा है, जो अपने आप में ऐतिहासिक और यादगार होगा | यह कार्यक्रम स्वयं के सहयोग (सेल्फ कंट्रीब्युशन) से किया जा रहा है, जिसमे परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग अपेक्षित है |

इसके पहले इसी स्थान पर दिनांक 22 अक्टूबर 2016 को गेट टुगेदर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमे अपने समाज व परिवार के सदस्यों से मुलाकात व परिचय हुआ जो बहुत ही सकारात्मक और एक दुसरे को पारिवारिक रूप से जोड़ने में सहायक रहा |
अतः इस बार भी अधिक से अधिक संख्या में आकर एक दुसरे से मिलाने व परिचय कर के समाज को मजबूती प्रदान करने में सहयोग दें | आप सभी से अनुरोध है की अपने आने की सूचना और कन्फेर्मेसन मोबाइल संख्या 9582286046 (डॉ० स्वंय प्रकाश वर्मा) को अतिशीघ्र देने का कष्ट करें जिससे की व्यवस्था करने में आसानी रहे

वी द फेमिली टीम 

मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

गेट टूगेदर कार्यक्रम अक्टूबर 2016

हम अकेले ही चले थे, जानिबे-ए-मंजिल 
आप लोग साथ आते गए, WTF बनता गया  

दिनांक 22 अक्टूबर 2016 को रसियन सेंटर आफ़ साइंस एंड कल्चर, 24 फ़िरोज़ शाह रोड, नई दिल्ली में धोबी समाज के गणमान्य लोगों का गेट टूगेदर कार्यक्रम का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न जगहों पर सेवारत गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिसमे सभी ने एक दुसरे से अपना-अपना संछिप्त परिचय साँझा किये तथा सभी ने समाज में व्याप्त समस्याओं को दूर कर समाज के लोगों का हर संभव मदद करने का संकल्प लिए |
           

 जे०एन०यू० के प्रोफ़ेसर श्री विवेक कुमार अपने व्यक्तव्य में कहे कि हमारा समाज पढ़-लिख कर आगे तो बढ़ रहा है, परन्तु संगठित न होने की वजह से बिखरा हुआ है, समाज को संगठित होने की जरुरत है | हम सभी को संकल्प लेना होगा की अन्य समाज के लोगो की तरह ही  किसी भी क्षेत्र, प्रदेश, जिले की अपने समाज के व्यक्ति की मदद तत्परता से करें जिससे अपने समाज को मजबूत किया जा सके |
कार्यक्रम में आये हुए परिवार के सभी सदस्यों ने बहुत तारीफ की कि पहली बार ऐसा सफल कार्यक्रम आयोजित किया गया है वास्तव में अपने आप में अनोखा है | सभी ने निवेदन किया की इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन होते रहना चाहिए जिससे की समाज के लोग एक साथ होकर अपने समाज को मजबूती प्रदान किया जा सके |
                इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा, सभी के सहयोग से ही इस तरह के कार्यक्रम सफल हो पाया जिसमे मुख्य भूमिका डॉ स्वयं प्रकाश (के.औ.सु.ब.), अरविन्द कुमार श्रीवास (संयुक्त निदेशक,एमएचए), अजय कुमार रजक (लाइजन ऑफिसर कम एक्सुक्टीव इंजीनियर,बिहार सरकार, नई दिल्ली), महेश चौधरी (कमान्डेंट, सीआरपीएफ), डॉ प्रवेश कुमार(असि० प्रोफ़ेसर) सहित सहित सभी सदस्यों की रही |
                 
 कार्यक्रम का संचालन जय सिंह (आईआईएस) सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार ने किया |




होकर मायूस न यूं, शाम की तरह ढलते रहिये 
जिंदगी एक भोर है, सूरज की तरह निकलते रहिये 
ठहरोगे एक पाँव तो, थक जाओगे 
धीरे-धीरे ही सही, मगर एक दुसरे से मिलते रहिये 
हंसते रहिये, हंसते रहिये 
एक दुसरे को गले लगाकर, मधुर रिश्ते बनाते रहिये ||


 

गुरुवार, 1 सितंबर 2016

Mr. Gopal, Sr. Assistant (Rajbhasha)











Family  Information

Personal Detail :

  1. Name:                                                  Gopal (Married)
  2. Date of Birth:                                      1 July 1967
  3. Post Holding:                                      Sr. Assistant (Rajbhasha) & Sub Editor “SUGANDH”  Magazine, Department of Official                                                                                           Language Rashtriy Ispat Nigam Limited, Visakhapattanam-31
  4.  Education:                                         M.A.(Hindi),M.A.(Mass Comm.& Journalism)
                                                                        ITI, NCVT (Electronics)

      5.   Address: Permanent                            Village- Hobbypur (Mathia), Post- Kasimabad,
 Dist- Ghazipur (U.P.)
                                                           
Present                                                 Flat No: 208/E/ Sector-9,Ukkunagaram,
Visakhapatnam. Pin-530032.

Family Detail

Father’s Name:                              Mr. Shiv Nath  Prasad
Occupation:                                   Ex-Service Man.


Wife’s Name:                                 Mrs. Shakuntala Devi
Education:                                     High school
Occupation                                    House Wife

Daughter’s name:                          Mrs. Rashmi Kumari (Unmarried)
Date of Birth:                                09.02.1993
Education:                                     B.Tech (Chemical Engg.),
Occupation:                                   Research Scholar(P.hd.) IInd year at IIT, Dhanbad   

Daughter’s name:                          Mrs. Preeti Kumari (Unmarried)
Date of Birth:                                03.03.1994
Education:                                     B.Com,
Occupation:                                   Student PGDM (BIF) IInd Year.IOPE, Hyderabad 

Son’s name:                                   Mr. Ankit Swaraj  (Unmarried)
Date of Birth:                                18.03.1995
Education:                                     B.S. (Research), 4th Year at IIS, Banglore

    

Place: Visakhapatnam                                          
Date: 1st   September , 2016

For any further details please contact:

Mr. Gopal
Mobile No.- 99898884557
E-Mail- neelugopal@rediffmail.com


मंगलवार, 30 अगस्त 2016

सामाजिक क्रांति के अग्रदूत : संत गाडगे जी महाराज

आधुनिक भारत को जिन महापुरूषों पर गर्व होना चाहिए उनमें राष्ट्रीय संत गाडगे बाबा का नाम सर्वोपरि है, यदि ऐसा कहा जाय तो कोर्इ गलत नहीं होगा। मानवता के सच्चे पुजारी सामाजिक समरसता के धोतक निष्काम  कर्मयोगी यदि किसी को माना जाए तो वह थे संत गाडगे बाबा वास्तव में गाडगे बाबा के जीवन से उनके कार्यों से तथा उनके विचारों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। हम समाज और राष्ट्र को काफी कुछ दे सकते हैं। गाडगे बाबा ने अपने जीवन और विचारों एवं कार्यों के माध्यम से समाज और राष्ट्र के सम्मुख एक अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत किया जिसकी आधुनिक भारत को वास्तव में महती आवश्यकता है।
महाराष्ट्र सहित समग्र भारत में सामाजिक समरता, राष्ट्रीय एकता, जन जागरण एवं सामाजिक क्रानित के अविरत स्रोत के उदवाहक संत गाडगे बाबा का जन्म 23 फरवरी सन 1876 को महाराष्ट्र के अकोला जिले के खासपुर गाव त्रयोदशी कृष्ण पक्ष महाशिवरात्री के पावन पर्व पर बुधवार के दिन धोबी समाज में हुआ था। बाद में खासपुर गाव का नाम बदल कर शेणगाव कर दिया गया। गाडगे बाबा का बचपन का नाम डेबूजी था। संत गाडगे के देव सदृश सन्दर एवं सुडौल शरीर,  गोरा रंग, उन्नत ललाट तथा प्रभावशाली व्यकितत्व के कारण लोग उन्हें देख कह कर पुकारने लगे कालान्तर में यही नाम अपभ्रश होकर डेबुजी हो गया। इस प्रकार उनका पूरा नाम डेबूजी झिंगराजी जाणोरकर हुआ। उनके पिता का नाम झिंगरजी माता का नाम सााखूबार्इ और कुल का नाम जाणोरकर था। गौतम बुद्व की भाति पीडि़त मानवता की सहायता तथा समाज सेवा के लिये उन्होनें सन 1905 को ग्रहत्याग किया एक लकडी तथा मिटटी का बर्तन जिसे महाराष्ट्र में गाडगा (लोटा) कहा जाता है लेकर आधी रात को घर से निकल गये। दया, करूणा, भ्रातभाव, सममेत्री, मानव कल्याण, परोपकार, दीनहीनों के सहायतार्थ आदि गुणों के भण्डार बुद्व के आधुनिक अवतार डेबूजी सन 1905 मे ंग्रहत्याग से लेकर सन 1917 तक साधक अवस्था में रहे।
महाराष्ट्र सहित सम्पूर्ण भारत उनकी तपोभूमि थी तथा गरीब उपेक्षित एवं शोषित मानवता की सेवा ही उनकी तपस्या थी।
गाडगे बाबा शिक्षा को मनुष्य की अपरिहार्य आवश्यकता के रूप में प्रतिपादित करते थे। अपने कीर्तन के माध्यम से शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुये वे कहते थे ''शिक्षा बडी चीज है पैसे की तंगी हो तो खाने के बर्तनन बेच दो औरत के लिये कम दाम के कपड़े खरीदो। टूटे-फूटे मकान में रहो पर बच्चों को शिक्षा दिये बिना न रहो।''
बाबा ने अपने जीवनकाल में लगभग 60 संस्थाओं की स्थापना की और उनके बाद उनके अनुयायियों ने लगभग 42 संस्थाओं का निर्माण कराया। उन्होनें कभी कहीं मनिदर निर्माण नहीं कराया अपितु दीनहीन, उपेक्षित एवं साधनहीन मानवता के लिये स्कूल, धर्मशाला, गौशाला, छात्रावास, अस्पताल, परिश्रमालय, वृध्दाश्रम आदि का निर्माण कराया। उन्होनें अपने हाथ में कभी किसी से दान का पैसा नहीं लिया। दानदाता से कहते थे दान देना है तो अमुक स्थान पर संस्था में दे आओ।
बाबा अपने अनुयायिययों से सदैव यही कहते थे कि मेरी जहां मृत्यु हो जाय वहीं पर मेरा अनितम संस्कार कर देना, मेरी मूर्ति, मेरी समाधि, मेरा स्मारक मनिदर नहीं बनाना। मैनें जो कार्य किया है वही मेरा सच्चा स्मारक है। जब बाबा की तबियत खराब हुर्इ तो चिकित्सकों ने उन्हें अमरावती ले जाने की सलाह दी किन्तु वहां पहुचने से पहले बलगाव के पास पिढ़ी नदी के पुल पर 20 दिसम्बर 1956 को रात्रि 12 बजकर 20 मिनट पर बाबा की जीवन ज्योति समाप्त हो गयी। जहां बाबा का अनितम संस्कार किया गया आज वह स्थान गाडगे नगर के नाम से जाना जाता है।
वस्तु सिथति तो यह है कि महाराष्ट्र की धरती पर समाज सेवक संत महात्मा, जन सेवक, साहित्यकार एवं मनीषी जन्म लेगें परन्तु मानव मात्र को अपना परिजन समझकर उनके दु:खदर्द को दूर करने में अनवरत रूप से तत्पर गाडगे बाबा जैसा नि:स्पृह एवं समाजवादी सन्त बड़ी मुशिकल से मिलेगा क्योंकि रूखी-सूखी रोटी खाकर दिन-रात जनता जनार्दन के कष्टों को दूर करने वाला गाडगे सदृश जनसेवी सन्त र्इश्वर की असीम कृपा से ही पृथ्वी पर अवतरित होते हैं।


मानवता के पुजारी दीनहीनों के सहायक संत गाडगे बाबा में उन सभी सन्तेचित महान गुणों एवं विशेषताओं का समावेश था जो एक मानवसेवी राष्ट्रीय सन्त की कसौटी के लिये अनिवार्य है।


जय सिंह